बच्चों के गर्दन और सिर पर निकले हुए गांठ को नजरअंदाज ना करें, हो सकता है सिस्टिक हाइग्रोमा
सेहतराग टीम
जन्म लेने वाले बच्चों में कई बार देखा गया है कि उनके गर्दन और सिर पर गांठ होती है। इसे सिस्टिक हाइग्रोमा कहते है। इसमें एक या अधिक अल्सर होते हैं और समय के साथ ये नियमित रूप से बड़े होते जाते हैं। हालांकि, एक सिस्टिक हाइग्रोमा जन्म के बाद भी दिखाई दे सकता है। ये समस्या कई बड़े लोगों में भी दिखाई देती है लेकिन उनके कारण अलग होते हैं।
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आपको बता दें कि बच्चों में होने वाले सिस्टिक हाइग्रोमा तरल पदार्थ से भरे थैली होते हैं जो लसीका प्रणाली में रुकावटों के कारण होते हैं। ये थैली आमतौर पर गर्भावस्था के 9 वें और 16 वें हफ्ते के बीच ज्यादा होती है। इसका समय पर इलाज कराना बहुत जरूरी होता है नहीं तो ये आगे चलकर गंभीर स्थिति भी पैदा कर सकता है। आइए इस लेख के जरिए सिस्टिक हाइग्रोमा के लक्षण, कारण और बचाव जानते हैं।
सिस्टिक हाइग्रोमा के कारण
सिस्टिक हाइग्रोमा शिशु के जीन और गर्भ में उसका वातावरण दोनों ही लसीका प्रणाली को सही तरीके से विकसित नहीं कर पाते, जिससे सिस्टिक हाइग्रोमा का रूप मिलता है। यह अपने आप पर या जेनेटिक कारण जैसे टर्नर, डाउन या नूनन सिंड्रोमेस के साथ भी हो सकता है। जब वयस्कों को सिस्टिक हाइग्रोमा मिलता है, तो यह आघात या पिछले श्वसन संक्रमण के कारण हो सकता है। इसके साथ ही गर्भावस्था के दौरान माँ से बच्चे को वायरल संक्रमण और गर्भावस्था के दौरान दवाओं या शराब के संपर्क में आना भी इसका एक मुख्य कारण हो सकता है।
लक्षण
- गर्दन या सिर पर गांठ दिखना।
- उभार के रूप।
- जन्म के 2 साल के अंदर शरीर में गांठें बनना।
- गांठ छूने में मुलायम लगती है।
- ज्यादातर मामलों में सिस्टिक हाइग्रोमा गर्दन पर होता है।
- बच्चे को गर्दन घुमाने में परेशानी होना या दर्द महसूस होना।
कब सामने आ सकती है ये समस्या
जब आप गर्भवती होती हैं, तो डॉक्टर आपको नियमित अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह देते हैं जिससे कि उस दौरान आपके बच्चे की किसी भी स्थिति या सिस्टिक हाइग्रोमा की स्थिति होने पर तुरंत उसे पकड़ा जा सकता है। आपके बच्चे के जन्म के बाद या आपके बच्चे के जीवन में बाद में भी आप इसे देख सकते हैं। अगर आपको पता है कि आपके बच्चे को शिशु को सिस्टिक हाइग्रोमा है, तो आपका डॉक्टर आपके लिए सी-सेक्शन की मदद से बच्चे को जन्म देने की कोशिश करते हैं। वहीं, जन्म के बाद आपके बच्चे को सिस्टिक हाइग्रोमा के लक्षण दिखते हैं, तो ऐसे में बच्चे को सिस्ट का पता लगाने के लिए छाती का एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड और एमआरआई या सीटी स्कैन समेत कई जांच करवाई जाती है जिसमें इसकी पुष्टी होती है।
इलाज
डॉक्टर सिस्टिक हाइग्रोमा को हटाने के लिए सर्जरी का उपयोग करते हैं। यदि इसके कुछ हिस्सों को पीछे छोड़ दिया जाता है, तो 15% संभावना है कि यह वापस आ जाएगा। वहीं, अगर इसके इलाज को लेकर दूसरे विकल्पों की बात की जाए तो उनमें कीमोथेरेपी, विकिरण चिकित्सा, स्टेरॉयड और स्केलेरोथेरेपी जैसी प्रक्रिया शामिल हैं, हालांकि ये सर्जरी से कम प्रभावी नहीं हैं।
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